Rajasthan CET Normalization: सीईटी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन से इन पारियों को होगा नुकसान,

Rajasthan CET Normalization: राजस्थान सीईटी नॉर्मलाइजेशन को लेकर आ रही बड़ी खबर के मुताबिक माना जा रहा है कि सीईटी स्नातक लेवल में सभी शिफ्ट की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। क्योंकि इन परीक्षाओं में कुछ शिफ्ट का पेपर सबसे अधिक हार्ड था वहीं कुछ शिफ्ट का पेपर आसान और सरल था।

ऐसे में सभी शिफ्ट को बराबर अंक देने के लिए जहां सरल शिफ्ट वाले अभ्यर्थियों के 3 से 7 अंक तक कम किए जा सकते है वहीं हार्ड शिफ्ट वाले उम्मीदवारों को न्यूनतम 3 से 7 अंक बढ़ाकर फायदा दिया जा सकता है। इसी तरह से यदि सीनियर सेकेंडरी लेवल परीक्षा में भी कुछ शिफ्ट का पेपर हार्ड हुआ तो नॉर्मलाइजेशन किया जा सकता है।

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से जहां कुछ उम्मीदवारों को फायदा होगा, वही सबसे आसान पेपर वाले अभ्यर्थियों को इसका नुकसान भी हो सकता है। माना जा रहा है की CET Graduation Level 3rd Shift Paper और CET 4th Shift Paper सबसे अधिक हार्ड थे। ऐसे में सभी स्टूडेंट्स के मन में एक ही सवाल है की क्या नॉर्मलाइजेशन होगा या नहीं होगा, और अगर होगा तो इसका फायदा किसे मिलेगा? और नॉर्मलाइजेशं किस आधार पर किया जाएगा, इसके लिए आप यहां दी गई जानकारी चेक कर सकते है।

Rajasthan CET Normalization Kya Hai

Normalization एक स्टेटिस्टिकल प्रॉसेस है जिसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न अलग अलग पारियों में होने वाले प्रश्न पत्रों में दिए गए अंकों की तुलना करके उन्हे बराबर और निष्पक्ष बनाने का प्रयास करना है। जब उम्मीदवार परीक्षा देते हैं, तो उन्हें अलग अलग शिफ्ट में अलग अलग प्रश्न पत्र दिए जाते है, जिनका कठिनाई स्तर एक जैसा नहीं होता हैं। ऐसे में Normalization कराने का एक ही उद्देश्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करता है कि सभी पारियों के छात्रों के परीक्षा में प्रदर्शन की सही तुलना करके उनके अंक लगभग बराबर किए जा सके।

यहां पर 1st और 2nd सरल शिफ्ट वाले जिन अभ्यर्थियों ने न्यूनतम 40% से अधिक अंक प्राप्त किए है उन्हे डरने की आवश्कता नही है लेकिन जिन अभ्यर्थियों ने सरल पारी में बराबर 40% अंक ही प्राप्त किए है उनके लिए यह एक बड़ी टेंशन हो सकती है क्योंकि यदि उनके कुछ अंक भी कम हुए तो ऐसे अभ्यर्थी सीईटी पास नही कर पाएंगे। Rajasthan CET Graduation Level CET Normalization के अंतर्गत 3 से 7 तक या इससे कम या ज्यादा अंक कम ज्यादा किए जा सकते है। वहीं हार्ड पारी में 40% में 5 सात नंबर जिन अभ्यर्थियों के कम है उन्हे सीईटी नॉर्मलाइजेशन का फायदा हो सकता है।

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Rajasthan CET Normalization Kyo Hoga

सीईटी ग्रेजुएशन लेवल एग्जाम में अलग-अलग शिफ्टों के प्रश्न पत्रों का कठिनाई स्तर अलग-अलग हो सकता है। इससे हार्ड शिफ्ट में अभ्यर्थियों के प्राप्त अंकों में अंतर आ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी स्टूडेंट को आसान प्रश्नपत्र मिलता है और दूसरे छात्र को कठिन प्रश्नपत्र मिलता है, तो उनके अंकों में बहुत ज्यादा अंकों का अंतर हो जाएगा। जिसे बराबर करने के लिए हार्ड पेपर वाले के कुछ अंक बढ़ाए जाएंगे वही सरल शिफ्ट वाले के कुछ अंक घटाए जाएंगे

जिससे की दोनो स्तर पर सभी के अंक लगभग बराबर किए जा सके। एक से अधिक शिफ्ट में पेपर होने और पेपर का कठिनाई स्तर भिन्न भिन्न होने पर भी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया नही होने से ना केवल हार्ड प्रश्नपत्र वालों के साथ अन्याय है, बल्कि परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठता है। इसलिए, सामान्यीकरण की प्रक्रिया उस समय आवश्यक हो जाती है जब पेपर एक से अधिक पारियों में होते है।

Normalization की जरूरत क्यों है?

जब किसी परीक्षा में कई शिफ्ट होते हैं, तो हर शिफ्ट के प्रश्न पत्रों में कठिनाई का अंतर आ सकता है उदाहरण के लिए, यदि एक शिफ्ट का पेपर आसान हो और दूसरे शिफ्ट का पेपर कठिन हो, तो कठिन पेपर वाले छात्रों के कम अंक आ सकते हैं ऐसे में Normalization के जरिए कठिन शिफ्ट के छात्रों के अंकों को बढ़ाकर उन्हें अन्य शिफ्ट के छात्रों के बराबर लाया जाता है इससे परीक्षा की निष्पक्षता बनी रहती है।

CET Normalization 2024 के कुछ मुख्य पहलू इस प्रकार हैं

राजस्थान सीईटी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू करने से पहले विभिन्न जरूरी पहलुओं पर विचार किया जाएगा जिसमें सबसे पहले CET Official Answer Key 2024 जारी की जाएगी। इसके बाद परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से गलत प्रश्नों पर ऑब्जेक्शन आमंत्रित किए जायेंगे।

ऑब्जेक्शन सबमिट होने के बाद सभी पारियों में बनने वाले अधिकतम और न्यूनतम स्कोर का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि न्यूनतम स्कोर और अधिकतम स्कोर में बहुत अधिक अंतर होता है तो ऐसी स्थिति में सबसे अधिक अंक बनने वाली पारियों के उम्मीदवारों के कुछ अंक घटाए जा सकते है। वहीं ऐसी पारियों के उम्मीदवार जिसके सबसे कम अंक बन रहे है उनके कुछ अंक बढ़ाए जा सकते है, जिससे की सभी सीईटी शिफ्ट के अंकों को लगभग बराबर किया जा सके।

Rajasthan CET Normalization 2024 का लाभ किसको होगा

यदि राजस्थान सीईटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू की जाती है, तो ऐसी स्थिति में उन शिफ्ट के अभ्यर्थियों को लाभ होगा, जिनकी पारियों के प्रश्नपत्र अन्य पारियों की तुलना में अधिक कठिन थे और उनकी शिफ्ट के लगभग सभी अभ्यर्थियों के अधिकतम अंक अन्य पारियों की बजाय बहुत ही कम होंगे।

ऐसे में कम अंकों वाली पारियों के उम्मीदवारों के कम से कम ढाई 3 से लेकर अधिकतम 6 या 7 अंक बढ़ाए जा सकते है। इस स्थिति में ऐसे कुछ स्टूडेंट्स जिनके 40% बनने में कुछ अंक कम होंगे वो सभी सामान्य पात्रता परीक्षा में पास हो जाएंगे। लेकिन Rajasthan CET Normalization Process कई तथ्यों के आधार पर निर्धारित की जाएगी, जिसको लेकर फिलहाल कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

Rajasthan CET Normalization 2024 का सबसे बड़ा नुकसान किसको होगा

राजस्थान सीईटी नॉर्मलाइजेशन 2024 का सबसे बड़ा नुकसान सरल पारी वाले उन अभ्यर्थियों को होगा जिनकी पारी के कुछ उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी सभी के अन्य पारियों की तुलना में अधिक अंक बन रहे है। क्योंकि सीईटी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया सबसे कम अंकों वाली शिफ्ट और सबसे अधिक अंकों वाली शिफ्ट के प्राप्त कम ज्यादा अंकों को बराबर करने के लिए की जाएगी। ऐसे में अधिक अंकों वाली शिफ्ट में कुछ ऐसे स्टूडेंट्स जिनके केवल 40% अंक ही बन रहे है

यहां उन उम्मीदवारों के लिए बड़ी टेंशन हो सकती है क्योंकि यदि अधिक अंकों वाली पारियों के 2 से 6 अंक भी कम हुए तो बराबर 40% या 42 से 43% तक वाले अभ्यर्थी सामान्य पात्रता परीक्षा में पास नही हो पाएंगे। वही ऐसे अभ्यर्थी जिनके अंक 45% या इससे ऊपर है इन्हे डरने की आवश्कता नही है क्योंकि लगभग तक पांच प्रतिशत अंक घटने तक भी यह अभ्यर्थी निर्धारित योग्यता अंकों से उत्तीर्ण हो सकते है।

Rajasthan CET Normalization – राजस्थान सीईटी में नॉर्मलाइजेशन होगा या नहीं

राजस्थान सामान्य पात्रता परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन करने को लेकर फिलहाल कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई है। लेकिन जब भी कोई परीक्षा एक से अधिक पारियों में आयोजित की जाती है, तो ऐसी स्थिति में उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू करने की संभावना भी अधिक होती है। जिस तरह से पिछली बार भी सीईटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू किया गया था ऐसे ही माना जा रहा है कि इस बार भी परीक्षा की विश्वनीयता को बनाए रखने के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है।

Normalization कैसे काम करता है?

Rajasthan CET में Normalization प्रक्रिया के तहत सबसे पहले परीक्षा की आधिकारिक उत्तर कुंजी जारी की जाती है इसके बाद, उम्मीदवारों से गलत प्रश्नों पर आपत्तियां मांगी जाती हैं आपत्तियों के आधार पर, सभी शिफ्टों के अंकों का विश्लेषण किया जाता है जिन शिफ्टों में कठिन प्रश्नपत्र होते हैं, उनके छात्रों के अंकों को बढ़ाया जाता है, जबकि आसान शिफ्ट वाले छात्रों के अंकों को कम किया जाता है।

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